किसान जन सहयोग समिति - नियमावली
सेवा ही संकल्प
किसान जन सहयोग समिति की स्थापना 6 दिसम्बर 2024 को किसानों एवं आम नागरिकों के लिए , किसानों एवं आम नागरिकों के द्वारा सहयोग हेतु बनाई गयी उत्तर प्रदेश की पहली समिति है। किसान जन सहयोग समिति से जुड़ने के लिए किसान एवं आम नागरिक स्वेच्छा से समस्त नियम एवं शर्तो से सहमति के उपरांत वेबसाइट www.kisanjansahyog.com के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करके जुड़ सकते हैं।
किसान जन सहयोग समिति से जुड़ने हेतु किसी भी प्रकार का सदस्यता शुल्क नहीं लिया जाता है। किसी भी किसान एवं आम नागरिक को बाध्य करके किसान जन सहयोग समिति से नहीं जोड़ा जाता है बल्कि किसान एवं आम नागरिक स्वेच्छा से जुड़ते हैं।
किसान जन सहयोग समिति का संचालन किसान जन सेवा समिति सबलपुर (रजि० नंबर- FAR /06226/2024-25) करती है।
मुख्य नियम सदस्यों हेतु -
1) किसान जन सहयोग समिति में प्रदेश के समस्त किसान एवं समस्त आम नागरिक, महिला/पुरुष जिनकी आयु 18 से 62 वर्ष है, वे सभी व्यक्ति समिति के सदस्य बनने के पात्र हैं।
2) किसान जन सहयोग समिति से जुड़ने हेतु आवश्यक सूचना संबंधी फ़ार्म भरकर रजिस्ट्रेशन किया जाना अनिवार्य है, साथ ही किसान जन सहयोग समिति का टेलीग्राम पर आधिकारिक ग्रुप बनाया गया है, जिस पर समय-समय पर सहयोग या नियम या अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रदान की जाती रहती हैं। इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर महत्वपूर्ण निर्णय लेने संबंधी पोल या विचार एवं सुझाव आदि के दृष्टिगत ग्रुप के सदस्यों को भी विचार रखने और पोल में भाग लेने का अवसर दिया जाता है। यही कारण है कि किसान जन सहयोग समिति का सदस्य बनने के साथ ही महत्वपूर्ण सूचनाओं से अपडेट रहने हेतु टेलीग्राम ग्रुप को सप्ताह में कम से कम 2 बार देखने और अपडेट रहने की भी बाध्यता रखी गयी है। कोई भी सदस्य अगर टेलीग्राम ग्रुप नियमतः नहीं देखता और संबंधित सूचनाएं यदि नहीं प्राप्त कर पाता तो संबंधित किसान एवं आम नागरिक/सदस्य स्वयं जिम्मेदार होगा। फिर भी प्रयास किया जाता है कि अन्य सोशल मिडिया प्लेटफार्म तथा जनपद स्तरीय इकाई के माध्यम से भी आवश्यक सूचनाओं का प्रसारण किया जाता है। किसान जन सहयोग समिति का प्रथम दिवस से ही नियम है – जो सहयोग करेगा, उसे ही सहयोग मिलेगा। किसान जन सहयोग समिति में प्रथम दिवस से सदस्यता पूरी तरह निःशुल्क है, समिति से जुड़ने के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है, बस सदस्य व उनके परिवार को आर्थिक सहयोग ही भेजना आवश्यक होता है।
3) गंभीर बीमारी की स्थिति में लॉकिंग पीरियड 2 वर्ष का होगा जो कि सदस्य के जुड़ने के समय से ही मान्य होगा, गंभीर बीमारी की स्थिति में रजिस्ट्रेशन करते समय बीमारी का विवरण भरना अनिवार्य है। बीमारी छुपाये जाने पर समिति की जाँच रिपोर्ट को अंतिम माना जायेगा किसी तरह का क़ानूनी दावा स्वीकार नहीं किया जायेगा। गंभीर बीमारियों की श्रेणी में “भारतीय मेडिकल एसोसिएशन” द्वारा सूचीबद्ध की गयी बीमारियाँ ही मान्य होंगी।
नोट : गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु का कारण और कुछ दर्शाया जाता है तो उसके सभी साक्ष्य प्रमाण सहित देने होंगे अन्यथा बीमारी ही मानी जाएगी।
(यह नियम व्यवस्था शुल्क के समय से प्रभावी है)
Note : यदि किसान जन सहयोग समिति से जुड़ा कोई सदस्य किसी अन्य सम विषयक संस्था का प्रचार प्रसार करता है या ऐसी किसी समिति का पदाधिकारी बनता है तो उसकी सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। ऐसे सदस्य पूर्व में किए गए सहयोग के बदले किसी भी प्रकार के लाभ का दावा नहीं कर सकेंगे। समिति के किसी भी पदाधिकारी के साथ अभद्रता, डराने, धमकाने वाले की सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी।
6 दिसंबर 2024 के बाद किसान जन सहयोग समिति से जुड़ने वाले सदस्य किसी अन्य सम विषयक संस्था (जो किसानों एवं आम नागरिकों के लिए चलाई जा रही हो) से जुड़ते हैं तो किसान जन सहयोग समिति द्वारा उन्हें या उनके नॉमिनी को किसी प्रकार का लाभ नहीं दिया जा सकेगा। यानि जो भी सदस्य किसान जन सहयोग समिति से जुडेगा यदि वह किसान जन सहयोग समिति जैसी किसी अन्य समानान्तर संस्था से जुड़ता है तो उसकी सदस्यता स्वतः ही समाप्त मान ली जाएगी, यदि कोई तथ्य छुपा कर जुड़ा भी रहता है तो किसान जन सहयोग समिति किसी प्रकार की सहायता नहीं करेगी या बाध्य नहीं होगी।
आप बिना किसी अन्य समिति में रहते हुए भी किसी का भी सहयोग करने के लिए स्वतंत्र है। किंतु लाभ किसी एक मंच से ही लेना उचित है व न्यायसंगत है।
वैसे भी किसान जन सहयोग समिति सेवा एवं समर्पण का मंच है लाभ का नहीं।
4) किसान जन सहयोग समिति द्वारा हेल्पलाइन नंबर- 9935030792 सदस्यों की सुविधा हेतु जारी किया गया है, जिसपर कॉल /व्हाट्सएप्प के माध्यम से जानकारी का आदान प्रदान किया जा सकता है। कोई भी सदस्य इस नम्बर पर कॉल या मैसेज करके सूचना दे/ले सकता है।
(यह नियम व्यवस्था शुल्क के समय से प्रभावी है)
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है, केवल लॉक इन पीरियड के नियमों में समय-समय पर बदलाव किया जा सकता है, बाकी सभी नियम यथावत हैं।)
5) किसान जन सहयोग समिति कोर समिति सहयोग के आह्वान हेतु अपने स्वविवेक का भी इस्तेमाल करके निर्णय लेने को भी स्वतंत्र होगी, वैधानिकता या किसी भी प्रकार के मामलों में जहां उचित समझेगी अपने स्तर से परीक्षण करने को स्वतंत्र होगी। कोई भी सदस्य/नॉमिनी सहयोग प्राप्त करने हेतु कानूनी दावा/अधिकार नहीं कर सकेगा, बल्कि संस्था नैतिक रूप से सहयोग करवाने का प्रयास करेगी।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है)
6) किसान जन सहयोग समिति दिवंगत सदस्यों के एक से अधिक नॉमिनी होने की स्थिति में दूसरे नॉमिनी को सहयोग सुनिश्चित करने हेतु स्वविवेक एवं स्वतः हस्तक्षेप करने को स्वतंत्र होगी, जिस पर लाभार्थी द्वारा किसी भी प्रकार की कानूनी या गैर कानूनी कदम नहीं उठाया जा सकेगा। लाभार्थी या उसके परिवार द्वारा संस्था के प्रति मिथ्या आरोप लगाने/ भ्रम फैलाने / दुष्प्रचार करने या दुर्व्यवहार करने पर सहयोग की गई राशि वापस करवाकर किसी अन्य दिवंगत परिवार को हस्तांतरित करवाने का अधिकार रखती है। ऐसे मामलों में समिति कानूनी कार्यवाही भी करने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगी।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है।)
7) सहयोग के दौरान या उसके बाद यदि किसी किसान एवं आम नागरिक द्वारा गलती से अधिक राशि किसी सहयोग हो रहे/ हो चुके नामिनी के खाते में भेज दी जाय तो उचित साक्ष्य प्रस्तुत करने पर नामिनी द्वारा वो धनराशि उस किसान एवं आम नागरिक/सदस्य के खाते में वापस करना पड़ेगा। इस हेतु प्रदेश समिति गारंटी नहीं ले सकेगी किंतु नियमानुसार गलती से भेजी गई धनराशि को वापस करवाने हेतु सार्थक और पूर्ण प्रयास करेगी।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है।)
8) वर्तमान समय में सहयोग प्राप्त करने हेतु सभी सहयोग करना अनिवार्य है। सदस्य बनने के बाद लॉक इन पीरियड की अवधि के उपरांत समस्त सहयोग करने के बाद नियमतः जारी वेबसाइट/एप पर फॉर्म भरते हुए रसीद अपलोड करना अनिवार्य होगा। बिना सहयोग किये या सहयोग करने के बाद रशीद अपलोड न कर पाने की स्थिति में सहयोग प्राप्त करने हेतु अर्ह नहीं माना जा सकेगा। क्योंकि वैधानिकता की पुष्टि हेतु सहयोग के बाद रशीद अपलोड करना अनिवार्य है।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है)
9) यदि किसी किसान एवं आम नागरिक द्वारा सदस्य बनने के बाद सहयोग नहीं किया गया या बीच में किसी का सहयोग नहीं किया गया तो ऐसी स्थिति में वह वैधानिक सदस्य नहीं होगा। ऐसे सदस्य कुछ नियमों के तहत अपनी वैधानिकता सक्रिय कर सकेंगे।
10) समिति के ऐसे सदस्य जो जुड़ने के उपरांत लगातार सहयोग करते आ रहे हैं, अगर 10 सहयोग से पहले कोई सहयोग ब्रेक होता है, तो वैधानिकता समाप्त हो जाएगी किंतु एक बार वैधानिकता समाप्त होने पर लगातार 5 सहयोग करके सदस्यता पुनः बहाल की जा सकेगी। 5 सहयोग पूरा होने तक वह सदस्य सहयोग प्राप्त करने हेतु वैध नहीं होगा, 5 सहयोग पूरा करते ही वह वैधानिक सदस्य हो जाएगा। लेकिन यह 01 सदस्य को केवल 01 ही बार ऐसा अवसर दिया जायेगा। यहाँ पर यह भी ध्यान देने योग्य होगा कि बीच मे केवल 2 सहयोग ही अधिकतम ब्रेक हुआ हो।
11) रजिस्ट्रेशन करने के बाद सहयोग न करने वाले सदस्य यदि स्वतः क्रियाशील होकर वैधानिक सदस्य बनकर सहयोग करने की स्थिति में एवं बीच में 2 से अधिक सहयोग ब्रेक होने की स्थिति में, 5 सहयोग करने के बाद ही सदस्यता बहाल मानी जायेगी, जब तक 5 सहयोग नहीं किये जाते, बीच मे मृत्यु होने की स्थिति में वह सदस्य अवैधानिक होगा और सहयोग नहीं प्राप्त कर सकेगा। कोर समिति की विशेष संस्तुति पर लगातार 5 सहयोग करने पर ही सदस्यता बहाल की जा सकेगी। ऐसे मामले में 5 माह का लॉक इन पीरियड भी प्रभावी होगा। (यह जरूरी नहीं की 5 माह का लॉक इन पीरियड पूरा होने तक 5 सहयोग करने का अवसर आये, 5 माह के लॉक इन पीरियड पूरा करने के बाद 5 सहयोग पूरा करना अनिवार्य होगा।)
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है)
12) जो सदस्य किसी कारण से सहयोग नहीं कर पाए, उनको हमेशा के लिए निकालने से अच्छा एक मौका देना है । यदि कोई नया रजिस्ट्रेशन करता है, तब भी लॉकिंग पीरियड होती है। उसी प्रकार जो अब तक सहयोग नहीं किया है और अब सहयोग करना चाह रहे है तो लगातार 5 सहयोग और उनके लिए 5 माह का लॉकिग पीरियड होगा ।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है)
13) यदि कोई सदस्य वर्ष में एक बार सहयोग छोड़ देता है तो वह 5 माह का लॉकिंग पीरियड तथा उस बीच के समस्त सहयोग पूरा करके पुनः वैधानिक हो सकता है।
14) यदि कोई सदस्य एक वर्ष के अंतराल में ही 2 या 2 से अधिक बार सहयोग छोड़ता है तो उसे वैधानिक होने के लिए 5 माह का लॉकिंग पीरियड तथा उस बीच के समस्त सहयोग पूर्ण करने होंगे।
15) यदि कोई सदस्य रजिस्ट्रेशन करके या रजिस्ट्रेशन के बाद कुछ सहयोग करके 6 माह या उससे अधिक माह के लिए सहयोग छोड़ देता है तो उसे वैधानिक बनने के लिए 5 माह का लॉकिंग पीरियड तथा उस बीच के समस्त सहयोग पूर्ण करने होंगे।
16) किसी अन्य व्यस्तता, पारिवारिक व्यस्तता, समारोह, कार्यक्रम आदि अन्य स्थितियों स्वयं या पारिवारिक आदि की स्थिति में सहयोग छूट जाने की दशा में दावा मान्य नहीं होगा, 5 सहयोग के बाद ही बैधानिकता पुनः बहाल हो सकेगी।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है)
17) किसी किसान एवं आम नागरिक के सदस्य बनने के 10 सहयोग पूरे करने के उपरांत प्रति वर्ष अपरिहार्य स्थिति में 01 सहयोग न कर पाने की की दशा में केवल 01 छूट दी जा सकेगी, लेकिन पूर्व में उसके द्वारा सदस्य बनने के बाद 10 सहयोग किया गया हो।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है)
18) यदि कोई किसान एवं आम नागरिक/ सदस्य पूर्व में सभी सहयोग कर रहा था और वैधानिक सदस्य था किंतु गतिमान सहयोग के दौरान (सहयोग शुरू होने की तिथि से सहयोग खत्म होने तक) सहयोग तिथि समाप्त होने से पूर्व सहयोग नहीं किया है और उसी दौरान उसकी दुःखद मृत्यु हो जाती है तो वह लाभ का पात्र माना जायेगा क्योंकि यह माना जायेगा कि वह जीवित होते तो पूर्व की भाँति सहयोग करते। किंतु यदि सहयोग समाप्त हो जाने के बाद असमय मृत्यु होती है तो गतिमान सहयोग की छूट का लाभ नहीं दिया जा सकेगा। जैसे- सहयोग शुरू होने के पूर्व या शुरू होने के दिन या गतिमान सहयोग के दौरान कोई सदस्य हॉस्पिटल में भर्ती होता है और उसकी मृत्यु हो जाती है तो उस स्थिति में दिवंगत किसान एवं आम नागरिक के परिवार को सहयोग किया जा सकेगा। यहां पर यह भी देखा जाएगा कि उस स्थिति में गतिमान सहयोग पूर्ण गया, उस स्थिति में सहयोग करना जरूरी होगा। सहयोग समाप्त हो जाने के बाद मृत्यु होने की स्थिति में सहयोग नहीं दिया जा सकेगा।
यह नियम सिर्फ किसान एवं आम नागरिक के स्वयं के अपरिहार्य हालात जैसे गम्भीर दुर्घटना/ बीमारी/अस्पताल में होने की स्थिति में ही मान्य होगा।
19) सुसाइड या किसी विवादित केस या अन्य केस जो संज्ञान लेने लायक हो, में कोर समिति के पास पड़ताल करके वस्तु स्थिति से अवगत होने के बाद निर्णय लेने का अधिकार होगा। आवश्यकता पड़ने पर वोटिंग या जिला इकाई या सदस्यों की राय भी ली जा सकेगी।
20) वस्तुतः एक से अधिक किसान एवं आम नागरिक/ सदस्य की मृत्यु होने पर उसकी मृत्यु की तिथि के क्रम में ही सहयोग किया जाएगा। किंतु यदि किन्ही दो या अधिक किसानों एवं आम नागरिकों की मृत्यु एक ही तिथि में होती है तो ऐसी स्थिति में उस किसान एवं आम नागरिक का सहयोग पहले किया जाएगा जिसके सहयोग करने का प्रतिशत/एवरेज अधिक होगा। उसके बाद अन्य का। उपरोक्त प्रकरणों में किसी विशेष परिस्थिति जैसे स्थलीय निरीक्षण न हो पाना, कुछ तकनीकी कमी आदि मामलों में कोर समिति सहयोग के क्रम का निर्णय अपने विवेकानुसार लेने का अधिकार होगा।
21) नॉमिनी सम्बन्धी विवाद की स्थिति में प्रदेश / कोर समिति परीक्षणोपरांत निर्णय लेने और सहयोग करवाने हेतु स्वतंत्र होगी।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है।)
22) उपरोक्त नियमों से इतर हटकर न किसी का सहयोग किया जा सकेगा न ही किसी का सहयोग रद्द किया जा सकेगा।
(यह नियम स्थापना के समय से ही प्रभावी है)
23) अनुशासनहीनता, किसान जन सहयोग समिति विरोधी गतिविधि या किसी प्रकार का षड़यंत्र करने वालों के विरुद्ध किसान जन सहयोग समिति कोर समिति के पास निर्णय लेने का एकाधिकार होगा। कोई भी किसान एवं आम नागरिक किसान जन सहयोग समिति के साथ साथ अन्य समान प्रकार के संघो/समिति में सदस्य के रुप में रह सकता है, किंतु किसी अन्य सम विषयक समिति के पदाधिकारी के रूप में कोई किसान एवं आम नागरिक किसान जन सहयोग समिति का वैध सदस्य प्रथम दृष्टया नहीं होगा (इस प्रकरण पर कोर समिति निर्णय लेने हेतु स्वतंत्र होगी) कोई भी व्यक्ति/ किसान एवं आम नागरिक या अन्य किसान जन सहयोग समिति के खिलाफ दुष्प्रचार या अफवाह फैलाता है, बिना प्रमाण या आंकड़े प्रस्तुत किये आरोप लगाता है तो समिति उसके विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने हेतु स्वतंत्र होगी।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है)
24) टेलीग्राम ग्रुप पर जानकारी हेतु समस्त सूचनाएं समय समय से प्रदान की जाती हैं। कोई सदस्य टेलीग्राम ग्रुप से सूचनाएं नहीं प्राप्त करता है तो वह स्वयं जिम्मेदार होगा।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है)
25) सदस्य हेल्पलाइन के माध्यम या जनपदीय इकाई से अपना सवाल जवाब प्राप्त कर सकेंगे।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है)
26) समय और आवश्यकता को देखते हुए किसान जन सहयोग समिति के किसी भी नियमो में कभी भी संशोधन/परिवर्तन किया जा सकेगा।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है)
27) किसान जन सहयोग समिति सहयोग सीधे-सीधे दिवंगत परिवारों के नॉमिनी के खाते में ही करवाती है इसलिए किसी भी प्रकार की न्यायिक चुनौती देने का अधिकार किसी व्यक्ति या सदस्य के पास नहीं होगा।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है)
28) किसान जन सहयोग समिति किसी भी किसान एवं आम नागरिक को जबरन या दबाव देकर सदस्य नहीं बनाती है, सदस्यों को नियम स्वीकार करके ही सदस्य बनने का विकल्प प्रदान किया जाता है, स्वेच्छा से कोई भी सदस्य कभी भी स्वयं को अलग कर सकता है।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है)
29) किसान जन सहयोग समिति से जुड़ने हेतु कोई भी सदस्यता शुल्क नहीं है, कोई भी किसान एवं आम नागरिक नियम एवं शर्तों से सहमत होकर निःशुल्क रजिस्ट्रेशन करके सदस्य बन सकता है और सहयोग कर सकता है। सहयोग पाने हेतु उपरोक्त नियमों के तहत ही दावेदारी होगी।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है)
30) किसान जन सहयोग समिति का सदस्य बनने के साथ ही किसान जन सहयोग समिति के टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ना अनिवार्य होगा क्योंकि सभी आधिकारिक सूचनाएं टेलीग्राम ग्रुप पर ही दी जाएगी। सुविधाओं के दृष्टिगत सोशल मिडिया या अन्य माध्यमों से भी सूचनाएं देने का प्रयास किया जायेगा लेकिन यह किया जाना बाध्यकारी नहीं होगा।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है)
31) आर्थिक सहयोग के दौरान कूटरचित/फर्जी रसीद या नियमों के विपरीत कार्य करने वाले सदस्यों के बारे में कोर समिति निर्णय लेने की अधिकारी होगी। ऐसे सदस्यों की वैधानिकता भी समाप्त की जा सकेगी और लाभ से भी वंचित किया जा सकेगा।
(यह नियम स्थापना के समय से प्रभावी है)
32) व्यवस्था शुल्क अनिवार्य नहीं है ऐच्छिक है। जो सदस्य चाहे वो समिति के खाते में मात्र 151/- वार्षिक जमा करके निम्न लाभ प्राप्त कर सकते हैं। व्यवस्था शुल्क का हिसाब समय समय पर समिति द्वारा दिया जायेगा।
नोट – 2 नॉमिनी के मामले में प्रथम नॉमिनी को 50% तथा दूसरे नॉमिनी को 50% दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
इसके अतिरिक्त समिति सभी सदस्यों को व्यवस्था शुल्क हेतु आयी राशि से निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करेगी-
1) वेबसाइट के निर्माण और संचालन में
2) ऐप बनवाने और संचालन में
3) sms सुविधा उपलब्ध कराने में (TRAI से अनुमति मिलते ही यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी)
4) एक ऑफिस और एक टेक्निकल सपोर्ट एक्सपर्ट रखने में जो आपको तकनीकी मदद देगा।
5) स्थलीय निरीक्षण करने में।
6) किसान जन सहयोग समिति से ज्यादा से ज्यादा किसानों एवं आम नागरिकों को जोड़ने के अभियान में।
7) समय समय पर नई तकनीकी का प्रयोग करने में ताकि प्रक्रिया पूर्ण रूप से पारदर्शी के साथ साथ आसान बन सके।
8) वार्षिक अधिवेशन में।
(उपरोक्त नियमों में उनके प्रभावी होने की स्थिति के बारे में हर क्लॉज में अवगत कराया गया है)
(भविष्य में आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नियमों में परिवर्तन का अधिकार किसान जन सहयोग समिति के पास पूर्ण रूप से होगा, विवादास्पद स्थिति में कोर समिति के पास निर्णय लेने का अधिकार सुरक्षित होगा।)
नोट – सदस्यों द्वारा अपना सहयोग सीधा मृतक किसान एवं आम नागरिक के नॉमिनी को दिया जाता है अतः आपके द्वारा दिए गए सहयोग के बदले सहयोग प्राप्त करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं होगा, यह पूरी तरह सदस्यों की इच्छा पर निर्भर रहेगा, समिति द्वारा अपील करने पर सहयोग कम ज्यादा आने पर या ना आने की दशा में समिति किसी भी प्रकार से जिम्मेदार नहीं होगी। क्योंकि समिति सिर्फ सहयोग की अपील करती है अतः किसी तरह की देनदारी के लिए कानूनी अधिकार मान्य नहीं होगा। कोई तथ्य छुपा कर या बिना पात्रता पूरी किए जुड़ जाता है और सहयोग कर देता है तो उसका दावा मान्य नहीं होगा।
नोट – यदि किसी सदस्य को गंभीर बीमारी है और उसकी मृत्यु किसी अन्य कारणों से होती है तो उसे अन्य कारण का संतोषजनक साक्ष्य प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। ऐसे प्रकरणो में प्रदेश कोर समिति/संस्थापक मंडल निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा।
यदि किसान जन सहयोग समिति से जुड़ा कोई भी सदस्य किसी अन्य सम विषयक संस्था का प्रचार प्रसार करता है या पाया जाता है तो उसकी सदस्यता तत्काल समाप्त कर दी जाएगी। समिति के किसी भी पदाधिकारी के साथ अभद्रता, डराने, धमकाने वाले की सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी।
किसी भी निर्णय की स्थिति में वेबसाइट पर अपलोड नियमावली की प्रति ही मान्य होगी।
आपका अपना
संजीव सिंह सबलपुर
संस्थापक एवं अध्यक्ष
किसान जन सहयोग समिति
उत्तर प्रदेश